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मुस्लिम विद्वानों की परिषद ने फिलिस्तीन राज्य की मान्यता का स्वागत किया 

14:55 - August 02, 2025
समाचार आईडी: 3483961
IQNA-मुस्लिम विद्वानों की परिषद (शूरा-ए-हुकमा अल-मुस्लिमीन) ने कई देशों द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की इच्छा व्यक्त करने का स्वागत किया है। 

इकना न्यूज के अनुसार, अहमद अल-तैय्यब, शेख अल-अजहर की अध्यक्षता वाली इस परिषद ने माल्टा, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अंडोरा, फिनलैंड, आइसलैंड, लक्ज़मबर्ग, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल और सैन मैरिनो जैसे देशों द्वारा फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की इच्छा जताए जाने की सराहना की। 

परिषद ने एक बयान में कहा कि, "दुनिया भर के कई देशों द्वारा फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों के समर्थन में लगातार घोषणाएँ, फिलिस्तीनी लोगों के लिए न्याय प्राप्त करने और उनके दशकों पुराने दुखों को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण कदम है।" परिषद ने पूरी दुनिया से आग्रह किया कि वह फिलिस्तीनी लोगों के अल-कुद्स (यरुशलम) को राजधानी बनाकर एक स्वतंत्र राज्य स्थापित करने के उनके वैध अधिकार को मान्यता दे। 

बयान में यह भी कहा गया, "शूरा-ए-हुकमा अल-मुस्लिमीन फिलिस्तीन मुद्दे के न्यायसंगत और व्यापक समाधान के लिए अरब और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किए जा रहे सभी प्रयासों का समर्थन करती है और एक बार फिर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से आग्रह करती है कि वह गाजा पट्टी पर आक्रमण रोकने, निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा, मानवीय सहायता और राहत सामग्री के प्रवेश की अनुमति देने तथा फिलिस्तीन के मजलूम लोगों के खिलाफ विस्थापन और भूख की नीतियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।" 

फ्रांस और सऊदी अरब की संयुक्त अध्यक्षता में न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिलिस्तीन सम्मेलन में 15 देशों के विदेश मंत्रियों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। 

फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (ट्विटर) पर लिखा, "न्यूयॉर्क में, फ्रांस ने 14 अन्य देशों के साथ अपनी सामूहिक इच्छा व्यक्त की: हम फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने की अपनी इच्छा व्यक्त करते हैं और उन लोगों को आमंत्रित करते हैं जिन्होंने अभी तक ऐसा नहीं किया है, वे हमारे साथ जुड़ें।" 

इस बयान पर अंडोरा, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, फिनलैंड, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्ज़मबर्ग, माल्टा, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, सैन मैरिनो, स्लोवेनिया और स्पेन के विदेश मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए। 

इस बयान में 15 देशों ने "दो-राज्य समाधान के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता" दोहराई। 

हस्ताक्षरकर्ताओं में से 9 देशों, जिनमें ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और न्यूज़ीलैंड शामिल हैं, जिन्होंने अभी तक फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है, ने इस दिशा में "अपनी इच्छा या सकारात्मक विचार" व्यक्त किए। 

डिप्लोमैटिक सूत्रों ने बताया कि इस सम्मेलन के दौरान 17 अन्य देशों के साथ-साथ यूरोपीय संघ और अरब लीग ने हमास को निरस्त्र करने और गाजा पर इसके नियंत्रण को समाप्त करने की मांग का समर्थन किया, ताकि फिलिस्तीन के कब्जे वाले क्षेत्रों में विनाशकारी युद्ध को समाप्त किया जा सके।

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